संदीप कुमार सिंह 12 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4250 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) दुख के दिन में साथ दूं, सुख के तो सब दोस्त। मेरी यह है कामना,खिला रहे सब पोस्त। खुशियां आए झूम कर, रौनक अपने साथ_ लब पर माधव नाम हो, होते नहीं अनस्त। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....