Poonam Mishra 18 Jun 2023 शायरी समाजिक चांद को देखकर याद आया 5160 0 Hindi :: हिंदी
मुझसे यूं ना रोज-रोज ख्यालों में आकर मिला करो कभी तो मेरे घर भी चांद की तरह मेरे आंगन में उतर आया करो मुद्दतें हो गई तुम्हें देखें चांद को देखकर यह आरजू है तुम भी कभी मेरे आंगन में चांद की रोशनी की तरह उतर आया करो