Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पागलपन 19296 0 Hindi :: हिंदी
पागलपन मरने का अब नाम नही जीवन पर इल्जाम नही जीना है तेरे संग संग हारने का अब नाम नही तु है तेरा संग भी जीवन एक उमंग भी चलते जाना जीतते जाना गिरने का अब नाम नही तु गिर या मैं गिरू हाथ नही अब छोड़ेंगे ले जाऊंगा उस जगह तक जहाँ तुझे ले जाना है कामयाबी चुमेगी कदम पर्वत को झुकाना है आसमान को गर्व है खुद पर उसका गर्व हिलाना है रहूँ चाहे जिस हाल में खाऊ चाहे सुखी रोटी चाहे पहनू फटी गुदरिया खुद को कामयाव् बनाना है जीत ते जाना जीत ते जाना जीवन विजय बनाना है