Poonam Mishra 04 Jul 2023 ग़ज़ल समाजिक बदलती जा रही हूं 5091 0 Hindi :: हिंदी
प्रिय! इन बदलती हवाओं के रुख के! साथ मैं भी कुछ बदलती जा रही हूं! मैं भी समय के साथ कदम! मिलाकर कुछ दूर चलती जा रहा हूं ! पर यह न सोचना यह समय की मांग है !कभी मैं तुम्हारा साथ चाहती थी! आज समय ने मुझको तुमसे दूर करती जा रही है! कई वर्षों तक चाहा मैंने तुम्हारा साथ! रिश्ते निभाने की बहुत चाहत थी मुझ में तुमने निभा सके तो मैं कुछ बदलती जा रही हूं