Ratan kirtaniya 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक जीवन रूपी नाव को प्रभु के द्वारा कूल तक ले जाना है । 15096 0 Hindi :: हिंदी
पूजू पद तुम्हारा - असमंजस में डोलता तरी हमारा , चढ़ाऊँ पद में फूल - डूब रही तरी ; हे प्रभु ! दिखाओं मुझे कूल , विपदाओं से करों रक्षा - तेरा पद का शरणार्थी ; मैं हूँ प्रार्थी - जीवन रथ को - कूल तक ले जाओं बन के सारथी । न दिलाओं सांत्वना ; तरी डूब रहा - जीवन का अंतका क्षण ; निकल जाएगा प्राण , सम्मुख मेरे गाओं श्री हरि का गान , तरी फँस गया भ्रंवार में , हे प्रभु ! विपदाओं से मुझे करों रक्षा , आश्रय है आप पे - तरी को ले जाओं कूल तक ; संकेत है उपवन का काँटों से फूल तक , जीवन जीने का शिक्षा , भ्रंवार में है तेरा प्रतिक्षा । मैं क्षीण - क्षीण शिति - दीन ; रहता हूँ क्षुधा प्रतिदिन - न मिट रहा न मिटा पाया , तेरे भक्ति का क्षुधा ; तुम हो मेरे अगुआ , डूब रहा तरी मेरा लेकर दुख - मेरा जीवन का अंतका क्षण ; निकल जाएगा प्राण , दे दर्शन ! दिखाओं मुख , कूल में है जीवन का चरम सुख । मैं थक गया झेलकर दुख ; बोझ हैं भारी - सृष्टि में मिला क्षति ही क्षति - अत्रुनीर से दृगों हैं भरी , अत्रु में जीवन तरी डूबकर ; कहीं चला न जाए प्राण काया को छोड़कर , हे प्रभु ! मुझ पे दया करों ; सुख - दुख से परे पथ चुनकर , मेरे जीवन तरी को ले जाओं कूल पर । रतन किर्तनिया छत्तीसगढ़ जिला :- काँकेर पखांजुर मो,* 9343698231