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हम दीवानें..!

मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक हमारा एक ही जात है, हम मानव अविनाशी जीव आत्मा रूप प्रकाश हैं। यह भौतिक शरीर नाशवान है, पर इसी के अंदर हृदय में ईश्वर का वास है। 10354 0 Hindi :: हिंदी

हमारा ना जात न पात,
एक परिचय है खास।
हम हैं अविनाशी जीव,
आत्मा रूप प्रकाश।।
हम दीवानें..!

पहन चोला नाशवान,
यह काया है झूठ।
में बसता ईश्वर धाम,
हमारा यही नगर।।
हम दीवानें..!
 
हम दीवाने हैं खास,
परम प्रकाश रूप।
ईश्वर में रहते लीन,
यह हमारा-परिचय।।
हम दीवानें..!
मोती-

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