Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

रावण का इतिहास कविता by Arjun Sharma (pandit4517_)

Official Arjun Panchariya 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक Pandit4517_ 9687 0 Hindi :: हिंदी

ब्राह्मण  का तो पुत्र वह है, राक्षस जाति का वंश।
झुका नहीं वह अपने जीवन में, किया हमेशा जय जयकार ।
तीनों लोकों का स्वामी वह, शिव का वह महाभगत।
जब तक रहा जीवित धरती पर, तब तक कहा वनवासी।
मरने का जब समय आया, तब कहा श्रीराम।
मचा रहे जब तांडव उसका, तीनों लोगों में हो हाहाकार।
सीता देवी को उठाया, किया था उसने यह पाप।
एक गलती की सजा, भुगता था उसका आप।।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: