Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य दुष्टों पे बार 15681 0 Hindi :: हिंदी
माँ धरती के पुत्र हूँ धर्मराज के दुत हूँ समय रहते रुक जाओ नही तो बहुत कुछ हूँ बैसे तो मेरे ताकत के अन्दाजा सब को है जो लोग मुझे भूल गये उनको याद दिला दू मैं बही हूँ भाई भाई को लडवाता हूँ माहाभारत करबाता हूँ पापियों के संघार दुष्टों पे बार इंसान को थथ थैया मैं बही हूँ जो हर हाल में तुम से ताकतबर हूँ हरिचन्दर को बिकबाता पल पल बदलता समय हूँ