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बसेरा

Gunja kumari 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 60627 0 Hindi :: हिंदी

पेड़-पौधो का है ,डेरा
जानवरों का  है, बसेरा
परिंदों का है गगन।।
                        देखने का है नजर ,
                        इंसानो का है मगन।
                        पहलुओं का है अंत,
                        नजारों का है अंत।।
दिन हो या रात,
नहीं मिलते नज़ारे।
पहलुओं का है, अंत
नजारों का है अंत।।

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