Raj Ashok 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 11833 0 Hindi :: हिंदी
खुद ,से नजर झुका के आईन से मत ,पुछ - के खूबसूरत है ! क्या तू ..... कह ,दे 'अपने दिल से अपने' , के 'कोई तू भी,' अपना मुकाम बना ले । फिर खुद जमाना कहे गा, तुझ से, के तुझ सा सुबसूरत नहीं देखा ।हमने जमाने मे पर पहले इस कशिश् को तो' दिल मे जिन्दा कर ' लिख सकता हे। अगर कोई तारीख तो लिख के रख। बदल दे हर उस सोच को जो कोई तुझे कमजोर बनाऐ। चाहे तो उस हर रिश्ते को बदल दे जो तुझे रोकना चाहे। बन जा चाहे तु एक तूफा बन चाहे कोई आँधी बस अपनी एक पहचान बना लै।