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धूप - छांव

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Google 13762 1 4 Hindi :: हिंदी

तुम धूप - छांव बनके साथी
मेरे साथ यूं ही चलना
जब कभी मैं डगमगा जाऊं
तो तुम मुझे संभालना 
जीवन के इस पथ पर 
तुम मेरे राही बनना
मेरा साथ छोड़ के 
तुम मेरे लिए कहीं अजनबी ना बन जाना
                   धन्यवाद

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बासुदेव अग्रवाल
बासुदेव अग्रवाल सुंदर रचना

1 year ago

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