SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक जिस व्यक्ति के पास अपने कार्य को पूर्ण करने का दृढ़संकल्प नही है जो बस कल -कल की आशा में अपने आज को व्यर्थ ही बर्बाद कर रहा है उसे अपनी तरक्क़ी के ख्वाब देखने का भी हक नहीं है । 41974 0 Hindi :: हिंदी
हक नहीं ख़्वाब देखने का भी उनको, जिसे साकार करने का दृढ़संकल्प जिनके पास ना हो । जो बस दोष मढ़े औरो के सर , जिन्हें खुद पर ही आमत्मविश्वास ना हो ।। जो बस कल- कल की प्रतीक्षा में, ना कद्र अपने आज की भी करे । जो समय के मूल्य को ना समझ, व्यर्थ वक्त अपना बर्बाद करे ।। जिसे समझ नहीं खुदकी अपनी, जो निर्भर औरो पर आज भी है । जो विफलता के भय से ना, ना शुभारंभ अपना काज करे ।। जो पहुंच करीब मंजिल के भी, अपने कदम मोड़ ले पीछे को । भला ऐसे किसी असाहसिक व्यक्ति के हिस्से, सफलता कैसे हाथ लगे ।। हक नहीं ख़्वाब देखने का भी उनको, जिसे साकार करने का दृढ़संकल्प जिनके पास ना हो । जो बस दोष मढ़े औरो के सर, जिन्हें खुद पर आत्मविश्वास ही ना हो ।।2।। 🙏धन्यवाद 🙏 संतोष कुमार बरगोरिया -------------------------------- ( साधारण जनमानस)
I am Santosh kumar Bargoria s/o Sri Sewalal Bargoria at 26, Noor Mahammad Munshi lane Howrah -71110...