सरोज कसवां 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 28157 0 Hindi :: हिंदी
दादी मां तेरा यूहीं हमें छोड़ के चले जाना कैसे भाया तेरे मन को । पापा को कम मुझे ज्यादा प्यार करना फिर भी मुझे छोड़ जाना केसे भाया तेरे मन को दादी मां । तेरी गोद में सिर रखकर तुझसे चांद सूरज की बातें मेरी नहीं सताती क्या यादें मेरी तुझे । तेरा यु जीवन भर खूब ओर आबाद रहने का आशीर्वाद देकर अचानक से चले जाना मेरी जिंदगी से केसे भाया तेरे मन को। अमीर तो बना दिया तेरे आशीर्वाद ने पर वो बूढ़ी मां कहा ढूंढू जो मुझे बहुत प्यार करती थी । ## कभी तो सपने में आओ ना मां कभी तो सपने में आओ ना मां##