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सपनो की उड़ान-मेरी उड़ान होंगी इतनी ऊँची

Meena ahirwar 17 Jul 2023 कविताएँ समाजिक कविता- सपनो को पाने की चाह# भावनात्मक कविता# संघर्ष # आदि का अनोखा विवरण। 8215 0 Hindi :: हिंदी

पैरों तले जमीन न थी जिसके, 
 उसी को आसमान की चाहत थी। 

रात बिताई आँधी तूफ़ान में जिसने, 
उसको सपनो की उड़ान काफी थी। 

ये दिन भी बदलेगा एक दिन, 
ये ख्वाहिश उसकी हर दिन थी। 

जब बदलेगा दिन उसका, 
 तो ये पथरीले कंकर तो कुछ नहीं 
आगे उसके। 

मंद मंद मुस्कुराता, 
जब मुश्किलों से लड़ता है। 

मेरी उड़ान होंगी इतनी ऊँची, 
इन मुश्किलों को बताता हैं। 

मीना-अहिरवार, 
जिला-छतरपुर (म.प्र) ,

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