Danendra 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य राउत नाचा दोहा 26912 0 Hindi :: हिंदी
अरा रारा ऊई,,,अरा रारा ऊई,,,,, (1) नदिया के तिर म बैठे कोकड़ा संगी, आऊ मछरी बीन बीन के खाय हो। कोकड़ा के पाछु म काटा गढ़गे, आऊ कोकड़ा कोय कोय नरियाए हो ।। अरा रारा ऊई,,,,अरा रारा ऊई,,,,, (2)अटका देखेन ,मटका देखेन ,देख पारेन भौजी भागत जात रे। मल्लिका शेरावत से हमन ला का लेना देना है। एएमा अपन भी के चांस है रे ।। आरा रारा ऊई,,,,अरा रारा ऊई,,,, (3) गड़ात है खमभा, खीचती है तार रे बिजली कर्मी सब्बो बच्छर म बोहावत हे बिजली के धार रे ।। आरा रारा ऊई,,, आरा रारा ऊई,,, (4) सबके लाठी रिगी चिगी, मोर लाटी कुसवा रे। नावा नावा बाई लाए, उहु ला लेगे मुसुआ रे।।। आरा रारा ऊई,,,,, आरा रारा ऊई,,, (5) भरे गांव में दुर्गा बईटे, बहुत पूजा उपजे बोहार हो । पाईया लागव माता जी के, तोला गाड़ा गाड़ा जोहार हो।। आरा रारा ऊई,,, आरा रारा ऊई,,, (6) चिकचिक मालिया चिकचिक मलिया पिपर तरी तलवार हो। भूत भगाय बर बैटे बैंगा , मंत्रा ल उलटा पुल्टा पढ़िन्न, बैइगा भागत परान हो।। आरा रारा ऊई,,,, आरा रारा ऊई,,, (7) जेतका लिखेन, ओतका बोलेन बोलेन लाबरी हो । रामलाल निपट गे, अनुकंपा फारम भरत हे उठा खटिया बेड़ी हो ।। आरा ररा ऊई,,,, आरा रारा ऊई,,,, (8 )बाजात आवत बैंड पार्टी, आऊ उड़त आय डीजे धुमाल हो। बेवड़ा कस नाचत आय बाराती आऊ लोक कला म राउत नाचा दोहा छाय हो।।। जय जोहार ,,जय छत्तीसगढ़ ।।