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चंचल मन उप वन में ठहरी....

मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक चंचल मन चित वन में कर्मफल काटकर, उपवन में पिया संग सुध बुध खोकर सो रही। 6364 0 Hindi :: हिंदी

चंचल मन चित वन में कर्म, 
क्लेश कट गए उम्र तमाम।

तब ठहरी उप वन में पिया, 
संग सुध बुध खो सो रही।।
-मोती

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