Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद बो प्यास अभी बाकी है 15079 1 5 Hindi :: हिंदी
अभी इंतज़ार तेरा बाकी है जो सकूँ दे सके मेरी आँखों को बो प्यास अभी बाकी है पूरा सहर खामोश है खामोसियों में तुझ से मिलने को आश अभी बाकी है शहर के हर गली में सनाटा हि सनाटा हैं पर मेरे घर में अब भी चहल पहल है क्यों की अंकही एहशास अभी बाकी है अभी नेहलाया जा रहा है फिर सजाया जायेगा मुझे चार कांधो पर जाऊँगा आज मैं भी सौक से बे खोप अपना सिना ताने पर जो बुझ न सका जीवन भर बो प्यास अभी बाकी है