Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद बादल जी 34971 0 Hindi :: हिंदी
क्यों छुपाते हो मुझे क्यो सताते हो मुझे , अ बादल क्यों रुलाते हो मुझे / बिखेरना चाहता हूँ मैं अपनी किरणों को क्यों छुपाते हो मुझे अ बादल क्यों रुलाते हो मुझे / बिखर जायेंगी मेरी किरणे फ़ेल जायेंगी मेरी किरणे , इन सूखे पेड़ों मैं इन रोते खेतो मैं , अ बादल क्यों रुलाते हो मेरी धरती के फूलों को वो आस लगायें बेठे होंगे वो बातें विस्मृत कहते होंगे , वो पीले फूल भी गाते होंगे अब बिखर जाने दो सूरज की किरणों को , क्यों छूपाते हो मुझे क्यों सताते हो मुझे , अ बादल जी क्यों रुलाते हो मुझे /