Santosh kumar koli 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक अवसर 11534 0 Hindi :: हिंदी
अवसर हर व्यक्ति के, दरवाज़े एक दिन आता है। जो लाभ नहीं उठा सकता, वह मलते हाथ रह जाता है। मेहनत करने वाले, भाग्यवान् कहलाते हैं। कामचोर नर ही, भाग्यहीन की आड़ पाते हैं। कठोर तपस्या करने वाले, देवर्षि बन जाते हैं। कामचोर पाखंडी नर, इस भेस को लजाते हैं। सफल नर अवसर, मेहनत का जलवा दिखाता है। जो लाभ नहीं उठा सकता, वह मलते हाथ रह जाता है। हर व्यक्ति अद्भुत, बल बुद्धि का मालिक होता है। कर्महीन नर सफल व्यक्ति की, बातों में समय खोता है। कर्मवान् जीवन भूमि में, सफलता के बीज बोता है। कामचोर दुखी, मेहनती घोड़े बेचकर सोता है। खुद रास्ता चुनने वाला, पद- चिन्ह बनाता है। जो लाभ नहीं उठा सकता, वह मलते हाथ रह जाता है। दीप जलाते और बुझाते, जलाकर फिर बुझाते। लालायित जलने को दीप, हम प्रयास कर नहीं पाते। सफलता व असफलता के, हम स्वयं मालिक कहलाते। मिले सफलता कहां से, हम चलने से पहले गिर जाते। सिल पर बने निशान, जब रस्सा जाता आता है। जो लाभ नहीं उठा सकता, वह मलते हाथ रह जाता है। अवसर हर व्यक्ति के, दरवाज़े एक दिन आता है। जो लाभ नहीं उठा सकता, वह मलते हाथ रह जाता है।