Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्यार मोहब्बत इश्क 16655 0 Hindi :: हिंदी
अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! उसकी चलने की थाप , पायल की झनक होती उसकी हंसने की अदा , चूड़ी की खनक होती उसकी नजरों की गहराई , मचलता सागर होता उसकी मुस्कुराने की अदा , खिलता कमल होता ...! अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! वो मुझसे दूर होती , मैं बेकरार होता वो मेरे पास होती , मैं बेताब होता वो हर रात , एक ख्वाब होती वो हर चमन , महकता गुलाब होता...! अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! वो अगर आती , मैं हर पल इंतजार करता वह अगर जाती , मैं हर पल आहे भरता वो अगर खफा होती , मैं अपने से शिकवा करता । वो अगर मुझे छेड़ती , मैं हर पल चुपचाप होता...! अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! कली कोई भी हो , खिलता कमल होता फूल हो ना हो , महकता चमन होता उसका प्यार मिला होता , ना रोते जख्म होते वो एक रात मिली होती , ना हर रात बेवफा होता...! अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! वो मेरी हर शाम की , जलती हुई सम्मा होती मैं उससे रोशन होता , वो मेरी रोशनी होती वो भावनाओं की सर्द में , पूनम की चांद होती मैं भावनाओं की तपिश में , सुबह का सूरज होता...! अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! ना दिन को चैन , ना रात को घूमता होता ना हर गली बदनाम होता , ना बदनाम में इक नाम होता ना हर जगह नाकाम , ना हर बाजार सरेआम होता ना हर वक्त उदास , ना महफिलों में खामोश होता ...! अगर मुझे उसका प्यार मिला होता...! चिन्ता नेताम "मन" डोंगरगांव (छ. ग.)