Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

अदाएं - कुछ यूं की मुझे हैरत की

संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता पाठकों के लिए प्रेरणा से भरपूर और जीवन की सच्चाई से रूबरू कराता रहेगा। 43970 0 Hindi :: हिंदी

कुछ यूं की मुझे हैरत की,
दुनिया ने परेशान ऐसा कर दिया,
की ऐसी शानदार परेशानी उठाने को,
मन बार_बार बेकरार सा हो जाता है।
 यूं राह चलते उस अजनबी,
लड़की की कातिल अदाएं,
मुझे बार_बार झकझोड़ सी रही थी।

कुछ यूं कहिए,
उसकी बेमिसाल सूरत के साथ,
उसका चलना मोरनी सा,
अटखेलियां करती, निगाहें,
मुझ पर मासूम सा प्यार लुटाती,
राहों में चलती रही_चलती रही।

मैं यूं ही बेखबर,
उसकी प्यार और मासूमियत,
में खोया उसे प्यार भड़ी निगाहों,
से देखते_देखते मचलता रहा,
उस हसीन लम्हों में मुस्कुराता रहा,
प्यार भड़ी गीत गाता रहा ।

निगाहें ने निगाह से बात कर ली,
दिल ने दिल से प्यार कर ली,
फिर वो अपने प्यार की झीनी,
फुहार छोड़ चली गई,
में वैसे ही उसे जाते निहारता रहा।
                         चिंटू भैया

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: