तेरी सपने की चादर होड़े , - Manu Vishwakarma

तेरी सपने की चादर होड़े ,     Manu Vishwakarma     कविताएँ     प्यार-महोब्बत     2023-03-29 22:45:10         0       

तेरी सपने की चादर होड़े ,

तेरी सपने की चादर होड़े , अकेला सोता
हूं 
कभी तो आएगी तू , ये बात खुद से कहता  हूं 

इतना प्यार कही नही मिलेगा , ये कहता
रहता हूं 
और कैसे बताऊं , इतने बार जान जान तो कहता
हूं 

लिख तो और भी देता , तेरी यादों को समेट
कर लाइन 
पर क्या करू beb , अब आ रही है , नींद बहुत
टाईट 
 इसलिए, तुमको अब हम कहते है, हम गुड नाईट

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