SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक GOOGLE,YAHOO/BING (जिन्दगी और मौत) 52585 0 Hindi :: हिंदी
शीर्षक जिन्दगी और मौत मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर) मौत तो यूँ ही बदनाम हैं। लोग तो जिन्दगी से परेशान हैं। जिन्दगी हर रोज़ लाती एक नया एग्जाम हैं। जो इसको पास कर जाये वही बलवान हैं। बाक़ी सब तो जिन्दगी से ही परेशान हैं। जिन्दगी मे पल पल पर एक नया मोड़ हैं। आज कुछ और तो कल कुछ और हैं। कोई अपने भविष्य के लिये परेशान हैं। कोई दौलत के लिये हैरान हैं। तो कोई अपने क़िस्मत से परेशान हैं। पिता बेटे से परेशान हैं। जिधर भी देखो सब हैरान परेशान हैं। जिन्दगी की हर रोज़ एक कहानी हैं। आज ग़म हैं जिन्दगी मे तो कल खुशी आनी हैं। खुल के जियो जिन्दगी मे। क्योंकि मौत तो एक ना एक दिन आनी हैं। मौत के बिना जिन्दगी की भी अधूरी कहानी हैं।