Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

पृथ्वी

akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 5 जून 2022 विश्व पर्यावरण दिवस है जिसकी इस बार की थीम *पृथ्वी *शीर्षक पर कविता 32119 0 Hindi :: हिंदी

विश्व पर्यावरण दिवस पर इस वर्ष की थीम पृथ्वी (भूमि )पर कविता
                 
                 * पृथ्वी *

 हमें भूमि और प्रकृति को
 मूल रूप में लाना होगा ।
लिया भूमि से जो भी हमने
  उसको वापस लौटाना होगा ।।

भूमि और नदी से हमने
जिस पानी को लूटा है ।
उस पानी की बूंद बूंद का
कर्ज हमें लौटाना होगा ।।

हरी भरी धरती का हमने
जो ये रूप बिगाड़ा है ।
कांक्रीट के जंगल का
 हमने जो कवच चढ़ाया है ।

खोद खोद कर धरती को
हमने उस पर है जुल्म किया ।
हमने अपनी मनमर्जी से
जो चाहा वो निर्माण किया ।।

लोहे और पत्थर की चादर 
पर हमें रोक लगाना होगा
कच्ची भूमि की प्यारी खुशबू 
को वापस अब लाना होगा ।।


फल और छाया दी पेड़ों ने 
 हमने तब तक उन्हें प्यार किया।
पेड़ों ने ही दी  हमें प्राण वायु 
हमने उनका संहार किया ।।

हमने अपने स्वार्थ की खातिर 
पेड़ों को है काट दिया ।‌
घरोंदे टूटे परिंदों के
आशियाना उनका छूट गया ।।

स्वच्छ साफ नदियों का जल हो
यही कसम अब खाना होगा।
जीवन में जल भी अमूल्य है
अब यही ध्यान में लाना होगा ।।

वन्य प्राणियों का जंगल में
जीवन सुलभ बनाना होगा।
हरे भरे वृक्षों की चुनरी 
अब मां को पहनाना होगा।


रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव         
                एडवोकेट जबलपुर

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: