Anany shukla 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक पतित को क्षमा कैसी 7779 0 Hindi :: हिंदी
पतित को क्षमा कैसी | पतन में अग्रसर जो हो, क्षमा के योग्य हो न हो क्षमा करने में पर एक बार, न कोई हर्ज़ है ऐसी पतित को क्षमा कैसी| मगर जो हो चूका हो पतित इस संसार पारावार में पतन में लग्न हो जो सहज सारे पाप की मजधार में कहो तो आज जग में उन जनो को क्यों क्षमा कैसी पतित को क्षमा कैसी!