Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक 46390 0 Hindi :: हिंदी
# हमको नेता अब नवल मिले ... अकल मिले ना इनका शकल मिले पर जहां देखो इनका दखल मिले ...! नेतागिरी , भाषणबाजी दोगलाई , चापलूसी गुलामी , बेईमानी कांटामारी वाले बड़े ही यहां पर सफल मिले ...! कुछ तेरे , कुछ मेरे कहना कुछ , करना कुछ वादें लबरेज , दो गले वाले लब सरल मिले ...! बहुत हो चुका अब देश के गद्दारों से ... मिटा दो तस्वीर इनकी यह विनती देश के कर्णधारों से ...! ऐसा कोई युग लाओ राजनीति का कि हमको नेता अब नवल मिले ...! चिन्ता नेताम " मन " डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)