राहुल गर्ग 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम #deshbhakti kavita #new poem #patriotic poem in hindi 11013 0 Hindi :: हिंदी
बदलते हुए माहौल का आगाज करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ देखा है देश को आर्थिक तंगी से जूझते देखा है खिलाड़ी को बिना सुरक्षा के खेलते मैंने देखा है लोगो का लाइन में झगड़ना इसलिए आज कम्प्यूटर का गुणगान करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ कर्मों से बट जाती थी कभी नारियाँ घर के कामों से पड़ जाती थी बेड़ियाँ मैंने देखा है कई युवती का आग में झुलसना इसलिए महिला का आरक्षण आज स्वीकार करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ शिक्षा रहती थी लोगों की दिनचर्या का विकल्प नौकरी न करने का लोग लेते थे संकल्प मैंने देखा है चलते बाल मजदूरी का सिलसिला इसलिए निजी विद्यालय के खुलने पर अभिमान करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ दीवाली जैसे दीप हर दिन जला करते थे उन दिनों चिराग से सारे काम हुआ करते थे मैंने देखा है अंधेरे मे गावों का सन्नाटा इसलिए बिजली बिल आज शौक से अदा करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ एक काम के लिए पढ़ते थे दिनों का पहाड़ा लेते थे हर काम में विभिन्न तकनीक का सहारा मैंने देखा है किसानों का धूप में यूँ जलना इसलिए आज आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ हर कदम में सरकार पर विश्वास रखता हूँ समाज में कुछ करने का अधिकार रखता हूँ हर क्षेत्र में चाहता हूँ देश का विकास इसलिए कुछ नीतियों को नजरअंदाज करता हूँ युवाँ हू देश का सम्मान करता हूँ