Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक #Ambedkarnagar Poetry#Rambriksh Kavita#bansuri per kavita#krisna kanaihya per kavita#dharmik kavita#prem per kavita#bansuri ki dhun kavita 96370 0 Hindi :: हिंदी
कविता-बांसुरी की धुन गूंजती वह प्रेम राग मोहती मन अनुराग फेर फेर अंगुलियों को घुन कौन सुनायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। प्रेम नृत्य प्यार की कानन बहार की दौड़ दौड़ ग्वालों संग खेल कौन रचायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। मोहिनी मुस्कान कर जीवन में प्यार भर आ आ के स्वप्नों में आज कौन जगायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। शीश धरे मोर पंख अधरों पर सोहे कंक बड़े बड़े नैयनों से मन कौन मोह पायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। प्रेममय रास लीला गोपियों के संग खेला सांस्कारिक सीख हेतु वस्त्र कौन चुरायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। सुन के धुन टेर प्यारी चेतन जड़ जग सारी झूम झूम घेर बैठे मोर कौन नचायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। सुदामा सा मित्रता का रिस्ते में पवित्रता का मीठी मीठी बोल बोल पाठ कौन पढ़ायेगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। बोल हरे कृष्ण हरे दुःख को जीवन से हरे आज अत्याचारियों पर शुदर्शन कौन चलाएगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। जीवन मरण मुक्ति लौकिक आलौकिक शक्ति महाभारत रण बीच गीता ज्ञान कौन बताएगा? बांस की बसुरिया कोई कृष्ण ही बजायेगा। रचनाकार- रामवृक्ष, अम्बेडकरनगर।
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...