Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 79210 0 Hindi :: हिंदी
# जंगली फर .... लो आया मैं लेकर , साथी तेरे लिए , थोड़ा थोड़ा सा , जंगल का प्यार ...! गदराई , रसभरी अपनी जवानी , लुटाने आई ये , गुच्छे गुच्छेदार ...! भरी तपिश में , राहत बनकर , बन के आई बहार तेंदू , महुआ , चार ...! जंगल में वनवासी के , ये हैं उसके जीवन बीज देता रहे सदा अपने का , कई पुरखो से जीवन सींच...!