Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य मौसम 96265 4 4.5 Hindi :: हिंदी
मौसम मौसम में सरगोशी देखो इसकी ये मदहोशी देखो कभी इतराए कभी लुभाए इसकी ये चापलूसी देखो कभी बदन को कभी नयन को कभी बालो को छेड़ के जाये सिने से लिपटे बाँहों में भिचे कभी होठो को चूमके जाये मौसम के वेरुखी देखो इसकी ये तकल्लुफ़ देखो कभी बदन को कभी योवन को कभी गालो को भीच के जाये गुदगुदाए कभी रुलाये कभी तन को छेड़ के जाये कभी हवा में घुल जाये तो कभी कभी खुशबू बन जाये
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