Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत अगर हमारे पास तुम होते 97285 4 4.5 Hindi :: हिंदी
अगर हमारे पास तुम होते अगर हमारे पास तुम होते कभी रूठता कभी मनाता कभी सुनाता तुम्हे कविता लिखता तुम पर गजल नज्म गीत सुनाता गुल बुलबुल के अगर हमारे पास तुम होते फूलो से तारीफ मै करता गुलशन से खुशवू चुराता नभ से लाली मांग मैं लाता चाँद से चमक छीन लाता तारो से तेरी मांग सजाता अगर हमारे पास तुम होते भंवरो से गुन गुनाना कोयलिया से गीत चुराना पपीहा से नृत्य बागों से फूल मै लाता गजरा उसे बनाता फिर उस गजरे को तेरे सुनहरे बालों मे अपने हाथो से लगाता अगर हमारे पास तुम होते इन्द्र धनुष से रंग सतरंगी पौधों से हरियाली लेता पायलिया के झनकार चुराता चूड़ी कंगना से खन खनाहट वीणा के तारो से सुर मैं लेता एक सुंदर संगीत सजाता अगर हमारे पास तुम होते जग मग जग मग दिपो से गाँव के उस वागीयों से घर के आंगन की तुलसी से चौपाल और रहिया से नीम के गक्षीय और पीपर पत्तियां तुझे दुल्हन सा सजता अगर हमारे पास तुम होते
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