नवीनतम रचनाएँ
समाज
Rasika Verma
ये समाज एक तेज तलवार है
इसमें जीत भी हार है।
इंसानियत तो अब कही है ही नहीं
हर तरफ बस लोगों में तकरार है
ये लोग जो है
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शायरी
अभिषेक मिश्रा
शहर की आबोहवा में ,कुछ इस कदर परिवर्तन होने लगे हैं हुजूर !
खंडहर भी बयां करने लगे हैं, कि इमारत भी क्या शानदार थी।।
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गिरधर गोपाल
Kedaramin
जय श्री राधेकृष्ण पेज-1. , ,,गिरधर ,,
लेखक- केदार अमीन ,
(log line) भगवान् श्री राधा कृष्ण के भक्त की बनती बि
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पीने दे
Vipin Bansal
मत रोक मुझे तू पीने दे
कुछ दिन और जीने दे.
मत रोक मुझे तू पीने दे.
इतनी पिला दे मु
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तेरे संग मेरे यारा
Manju Bala
लिखती और गुनगुनाती जा रही हूँ हसीन कहानियाँ तेरे संग मेरे यारा
याद आ रहे हैं वह पल जब दुल्हन बनाई थी घर संग तेरे मे
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प्यार
Swami Ganganiya
सच्चा प्यार दिखाया नही जाता।
सच्चा प्यार बताया नही जाता।
हे दिल में जो उसे छुपाया नही जाता।
हे मुश्किल उसे समझना
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सादगी
Swami Ganganiya
एक बार एक व्यक्ति ने मुझसे कहा कि चलाकी जरूरी है। चालाक बनो सीधे-साधे रहोगे क्या मिलेगा। कुछ ना मिलेगा पर वह यह ना ज
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वस्ल
Ritu
ये खिजां का महीना अबके लम्बा चलेगा
उन्होने वस्ल की तारिख बढ़ा दी है।।
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जीवन- संध्या
Santosh kumar koli
सही- गलत, गर्हित , सहल हो लिए साथ।
मूसलधार हो रही, छल-छंद की बरसात।
कठिनाइयां कह रही, तू डाल मैं पात।
अवसर तुझसे कह रहे
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