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जब कोई कुछ ठान लें

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Google 79623 0 Hindi :: हिंदी

मोहन एक गरीब परिवार से था और उसे  अपनी गरीबी से बहुत चिढ़ थी क्योंकि उसकी  गरीबी ही उसे किसी के सामने उठने नहीं देती हर कोई उसकी गरीबी का मजाक बनाता था।एक दिन वह घर आया तो घर के समानो पर गुस्सा दिखाने लगा तब उसके पापा ने उसे समझाया " बेटा लोगों की बातें सुनकर तुम घर के चीज़ों को तोड़ोगे तो उससे तुम्हें कुछ हासिल नहीं होगी अगर तुम्हें उनलोगो का मुंह बंद करना है तो तुम्हें लाइफ में कुछ करके दिखाना होगा उसे उसकी पापा की बात समझ  में आ जाती और वह उसी समय से ठान लेता है कि मैं अब आसूं नहीं बहाऊंगा मैं कुछ करके दिखाऊंगा और वह अपने गांव से दूर एक शहर में जाकर वहां नौकरी करने लगता पर कुछ दिन बाद उसे वह नौकरी जमती नहीं उसके बाद उसके पापा की कहीं बात याद आती की तुम्हें जो करना है वो करो फिर चाहे अंजाम जो भी हो उसे गाना गाने का बहुत शौक था इसलिए वह गाने की प्रतियोगिता में भाग लेता ,वहां वह सेलेक्ट हो जाता फिर उसे बाहर गाना गाने का ऑफर मिलता वह बाहर गाना गाने लगता इस तरह धीरे - धीरे वह बहुत प्रसिद्ध हो जाता और पैसा भी खूब कमाता ।उसके गांव के लोग उसे टीवी पर देख बहुत खुश होते उसके मां - बाप का अब सब आदर करने लगते जब मोहन गांव आता तो गांव के लोग उसका रहन- सहन देख चकित हो जाते ।अब वे लोग उससे माफी मांगते जो  कभी उसका मजाक बनाते थें।कहते बेटा " आज तुमने सिर्फ अपने मां - बाप का नहीं बल्कि इस गांव का भी नाम रोशन किया है अब कोई भी गरीब यह नहीं कहेगा कि मैं गरीब हूं कुछ नहीं कर सकता तुम उन सब गरीबों के लिए एक मिशाल हो।" मोहन अपने मां - बाप को भी अपने साथ शहर लेकर चला जाता।
                             धन्यवाद

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