Ranjana sharma 18 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत # Sad Kavita 😭# Dard Bhari Kavita# 597 0 Hindi :: हिंदी
कभी दुआ करती थी उससे दूर जाने के लिए और आज जब रब ने मेरी दुआ कुबूल कर ली। तो दिल इतना बेचने क्यों है यार मन करता है सारे बंधन को तोड़ कर उसके सीने से लग जाऊं सारे फासले मिटा कर उसे अपने गले से लगा लूं ऐसा क्यों है यार जिंदगी भी हमें कभी कभी कैसे मोड़ पर लेकर खड़ा कर देती है और हम चुपचाप बस देखते रह जाते हैं अपने लाचारी और झूठे रस्मों रिवाजों पर आंसू बहाते रहते हैं ऐसा क्यों है यार अब तो दिल का दर्द सहा ना जा रही हमसे नासूर की तरह मेरे जिस्म में चुभ रही है और देखो मैं कैसी बावरी हूं बस गुड़िया बन देख रही हूं ऐसा क्यों है यार मत कर अपने दिल के इतने टुकड़े जो कभी जुड़ ना सकती है थोड़ी तो हिम्मत दिखा ऐसे क्यों चुप खड़ी है पुकार दिल की यही है पर बेबस है हम ऐसा क्यों है यार धन्यवाद🙏