Suraj pandit 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य Motivation poem 17143 1 5 Hindi :: हिंदी
क्यों हताश हो जीवन में, क्यों हो उलझे हुए तुम । यह समय है इम्तिहान का, क्यों हो मायूस तुम । फिर मिल जाएगी यह कलियां, मिल जाएंगे राहगीर। यह जन्म किस काम का, न उदाहरण ले कोई मुसाफिर। समय से अलग कोई, कोई समय से आगे । वह सितारे होंगे तुम्हारे मुट्ठी में, जब कदम बढ़ आओगे आगे । कितने कंटक मिलेंगे राह में, कितने उनके शीश। पग-पग में है इम्तिहान तुम्हारा, पार करो ध्यान विशेष। जो सपना थी तेरी, अधूरा न रहने दो आज । तेरी मंजिल की राह पर , न आने दो आच। कहां भटक रहे हो, समय की तलाश में तुम । यह रेत है, क्या इकट्ठा कर रहे हो तुम ? क्यों हताश हो जीवन में , क्यों हो उलझे हुए तुम । यह समय है इम्तिहान का, क्यों हो मायूस तुम । विश्वास गंगा की धारा बहने दो, तू चल अंगारे जलने दो। है, इंतजार दुनिया को तेरा, कलम की आवाज को ज्वाला बनने दो। __________suraj pandit.