Danendra 30 Mar 2023 कहानियाँ बाल-साहित्य एक विद्यार्थी -चिड़िया (रामी ) सच्ची कहानी पर आधारित 37328 0 Hindi :: हिंदी
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में स्थित मारीगुडा, प्राथमिक शाला में 🐦चिड़िया बच्चो के साथ पढ़ाई, प्रार्थना, भोजन, आदि, सिलसिला पिछले 9 साल से अभी तक जारी है। जंगल में जन्म लिए🐦 चिड़िया अपने माता-पिता से बिछड़ कर भटकते - भटकते मारीगुंडा पहाड़ी क्षेत्र पर अचानक पहुंच गए प्राथमिक शाला के पास हैंड पंप में बच्चों को नहाते हुए देख बच्चों का स्कूल से आना जाना और सभी कार्यक्रम को देखते देखते हैं मन भावित होने लगे। फिर चिड़िया थी बच्चों जैसे हैंडपंप के नीचे नहाना प्रार्थना और कक्षा में आना जाना लगा ,एक दिन स्कूल की कक्षा में शिक्षक व बच्चों की पढ़ाई चल रही थी । उसी समय चिड़िया भी टेबल में आकर बैठ गए फिर बच्चों ने चिड़िया की आवाज निकालने लगे । जिसके प्रति उत्तर चिड़िया भी देने लगे इससे चिड़िया मभवित प्रसन्नता हुई और बच्चों को चिड़िया पर लगाओ बढ़ गया और चिड़िया बच्चों से लगाव करने लगे। रोज सुबह आती है इस स्कूल में लगे हैंडपंप के नीचे नहाने के बाद प्रार्थना में शामिल होती है फिर बच्चों के साथ क्लास में बैठकर पढ़ाई घंटे भर में बैठ जाते हैं आब उन्हें प्यार से रामी बुलाने लगे । दरअसल इस चिड़िया को सब लोग मैना के नाम से जाने जाते हैं जब टीचर पढ़ाने आते हैं तो टेबल पर बैठ जाती है छुट्टी होने पर जब बच्चे चले जाते हैं तो रामी भी जंगल में उड़ जाते हैं पढ़ाई के दौरान होने वाले इंटरवल में अब रामी को भी भोजन मिड डे मील दिया जाता है वह भी बच्चों के साथ भोजन करते हैं शिक्षक उसे भी अब स्कूल का छात्रा मानने लगे हैं 9 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ जबरा में एक भी दिन स्कूल ना आए हो , स्कूल में 31 स्टूडेंट पढ़ने आते हैं अब रानी को 32 हुई छात्रा के रूप में मानने लगे हैं। शिक्षक और बच्चों के आने के पहले चिड़िया स्कूल में पहले आ जाते हैं , छुट्टी के दिन में रामी स्कूल नहीं जाती है । अब स्कूल का हिस्सा रामी भी है बच्चे रामी से काफी खुश रहते हैं, लोग भी इस रामी (चिड़िया ) को दूर - दूर से देखने के लिए आने लगे हैं। इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है की यदि आप अपने अंदर से पूरी तरह टूट चुके हो तो हौसला बनाए रखना, हिम्मत नहीं हारना ,, जिन्दगी शुरुआत फिर से किया जा सकता है। अपने मंजिल तक पहुंचा जा सकता है।