Suraj pandit 30 Mar 2023 कहानियाँ देश-प्रेम Black day 19705 0 Hindi :: हिंदी
वह दिन था प्यार का हर दिल मे यह छाया था मिलन होगा अब , बरसो देख तरसा था मन मे यह आस अर्जी लिए आ रहे थे ना जानता था कोई हो जाए गा हादसा रास्ते मे वे बाम कि आहत से छल्ली छल्ली हो गए थे वे दिन था प्यार का आँखो मे जल भर गए थे दिल , कांप उठता पुलवामा का नाम से तरह -तरह के छवि उभरते मन कि आँखो मे एक तरफ प्यार से भरी दुनिया दूसरी दुःख से नाव डूबी थी छल्क रहा मोती आँखो से सागर कि चाह थी। कल्पना कर ना सकता माँ बाप के दुःख कि वे दिन था प्यार का मोती थे आँखो कि। किसी कि राखी , तो किसी कि सिंदूर जल गए ख़ुशी के दिन मे दुःख कि बरसात हो गए अमर है उसकी यादें अमर थी उसकी जवानी भारत के बच्चा बच्चा कहते इसकी कहानी आओ मिलकर मोम जलाये भूमि कि रक्षा का प्रण खाए वीरो के शहीद के लिए संपूर्ण दिल से श्रृद्धांजलि दे आए। -------------- सूरज पंडित