Mk Rana 30 Mar 2023 कहानियाँ दुःखद 86327 0 Hindi :: हिंदी
जो कहता था, जन्मो जन्म का रिश्ता है तेरा मेरा साथ। मुझे मरे हुए एक साल ही बिता था, वह थाम लिया दूसरे का हाथ।। मैं आत्मा हूं, ना मिला जगह 'वहां' चूंकि प्रीत लगा जो तुम से था। सोचा चल देख आऊं तुझे, कितना दुःख में हो मेरे बिना देखकर होस उड़ गया मेरा, ओ किसी और साथ खोया था।। मैं मूर्ख-गलत था जो समझ लिया उस रिश्ते को अनमोल। शिक्षा है तो सही राह दे ना पहुंचे दुख किसी को तुमसे से ऐसे कुछ उपहार दे,समझ ले "अन्यथा" यहां बड़े हैं ओल जोल।।