SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक इस कविता के माध्यम से कवि अपने विचारों को प्रकट करते हुए यह संदेश देना चाहता है कि भले ही हमारी हालत बेहतर ना हो पर हर परिस्थितियो से उबरने का हुनर हमें आता है इसलिए वक्त से कह दो की वो मेरा इम्तहान लेना छोड़ दे । 48780 0 Hindi :: हिंदी
बेहतर भले ही ना हो, हालात अपने लेकिन । हर परिस्थितियों से उबरने का, हुनर है हमने सीखा ।। कहे दो वक्त से, अब ना जाया करे वक्त अपना । हर इंतिहा पे है हमने, खरा उतरना सीखा ।। उम्र की दलीलें ना दो, मुझको अब तुम साहब । रिश्ते निभाना हमनें भी, बखूबी सीखा है ।। अपनी हस्ती पे इतना इतराना, अब छोड़ो भी साहब । चटनी रोटी पे भी गुजारा, करना हमने सीखा है ।। 🙏धन्यवाद🙏 संतोष कुमार बरगोरिया ------------------------------ (साधारण जनमानस)
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