Kalindri pal 30 Mar 2023 गीत धार्मिक 88678 0 Hindi :: हिंदी
मिल जाओ मेरी सीता मइया, तुम्हें खोजे तेरे लक्ष्मण भइया। राम भइया को ढूंढ न पाए, कुटिया वापस आए हैं । कुटिया में जब जाकर देखा, तुमको वहाँ न पाए हैं। तब दौड़ जंगल में जाकर, भइया को तुरत बुलाए हैं। भाभी तो कुटिया में नहीं हैं, भइया को बतलाए हैं। ढूंढन को तब हम और भइया, तुरत वहाँ से निकले हैं। तन-मन अब अलख जगाके, हम और भइया ढूंढते हैं । सीते-सीते भाभी-भाभी, हम दोनों चिल्लाते हैं। रस्ते में जब जाकर देखा, जटायु वहाँ पे तडपते हैं। धीमी-धीमी बोली में तब, तेरा हाल सुनाते हैं । रावण ले गया उठा के तुमको, जटायु ये बतलाते हैं। तेरा हाल सुनाके उसने, अपने प्राण को त्यागे हैं। मिल जाओ मेरी सीता मइया, हम तो तुमको खोजते हैं। तन-मन की अब अलख जगाके हम और भइया ढूंढते हैं ।
I am kalindri pal *betul*. I am from village and post nighuwamau block Machhrehata district Sitapur...