मोती लाल साहु 30 Mar 2023 गीत समाजिक ऋतुराज जो आए हैं बारह मास के बाद, बहकती चली बसंती बयार ओढ़ के पीली चुनरिया। 87378 0 Hindi :: हिंदी
ऋतुराज- जो आए हैं, बारह मास के बाद। बहकती- चली बसंती बयार, ओढ़ के पीली चुनरिया।। खिल रहें- ये सरसों के फूल, खुशबू बिखेरने लगीं हैं। खेतों में- लहराती इठलाती फिरती, कामदेव को रिझाने लगी है।। ऋतुराज- जो आए हैं, बारह मास के बाद! -मोती