Vipin Bansal 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत #नूर 60007 0 Hindi :: हिंदी
कवि की न तुम कल्पना ! शायर की न शायरी !! सूरज की न तुम किरणें ! चाँद का नूर नहीं !! आँखे देख सब भूल गई ! किस नूर का तुम नूर हो !! मधुशालाएं भी हो जाएं खाली ! कितनी मय तेरी आँखो मे डाली !! छू कर तेरे लवो की लाली ! हवाएं भी हो गई देख दिवानी !! कैसे होगा वो हैं बचा ! जिसने होगा तुझको रचा !! आँखे देख सब भूल गई ! किस नूर का तुम नूर हो !! कैसे मैं कोंई गीत बनाऊं ! कलम को अपनी क्या समझाऊ !! रुप को तेरे कैसे आँके ! टूट रहे मेरे शब्दों के सांचे !! मदहोशी में वो होगा पडा ! जिसने तेरा रूप गड़ा !! आँखे देख सब भूल गई ! किस नूर का तुम नूर हो !! कैसी ये महामाया ! जिसने तेरा रूप बनाया !! कैसा होगा वो हैं सांचा ! जिसमें तेरा रूप समाया !! चाँद नहीं तु इस जमीं का ! ये कौन सा चाँद जमीं पे आया !! आँखे देख सब भूल गई ! किस नूर का तुम नूर हो !! चंदन पर लिपटे भुजंग हो जैसे ! उलझे हैं तेरे गेसू ऐसे !! खुद को तू समझ न पाया ! चंदन सी है तेरी काया !! रूप में जो तेरे डूबा ! लौटकर न वो वापस आया !! आँखे देख सब भूल गई ! किस नूर का तुम नूर हो !! विपिन बंसल