Poonam Mishra 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत मन से मन का प्रेम न छूटे तुम संग यह मेरी प्रीत न टूटे 86468 0 Hindi :: हिंदी
जीवन का यह भ्रम न टूटे तुम संग मेरा स्नेह न छूटे मन से मन का मिलन हो रहा क्यों कहते हो यह भ्रम है क्या प्रेम हमेशा त्याग मांगता हीर रांझा की याद दिलाता जीवन में संघर्ष है कितने यह पल क्या बस यह बतलाता यह मन भी इन सब बातों से अनभिज्ञ नहीं है क्यों तुम हमसे रूठे हो मन से मन का मिलन हो रहा क्यों कहते हो यह भ्रम है कितने व्रत उपवास किए हैं तुम संग जीने की आस किए हैं मन की पीड़ा को व्यक्त करूं क्या सब जानकर अनजान रहे हैं दर्द धड़कता रहा हर पल इस दिल में हर आती जाती सांसों में क्यों कहते हो यही जीवन है जीवन का यह है भ्रम न टूटे तुम संग मेरा स्नेह न छूटे स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा