MAHESH 30 Mar 2023 गीत धार्मिक नारी शक्ति वंदना 11799 0 Hindi :: हिंदी
स्वरचित रचना- हे नारी शक्ति तेरी महिमा,.............। संदर्भ--- नारीशक्ति वंदना हे नारी शक्ति तेरी महिमा मैं किन शब्दों में गान करूं। हे आदि शक्ति तेरे रूप अनेक, पर मातृरूप में ध्यान धरूं।। और मातृरूप में ही देवी, बस मैं तेरा गुणगान करूं।। इस रूप के आगे सब बौने, सो मां मैं तेरा बखान करूं।। कहते हैं वेद-शास्त्रों में, जग ऐसे जन्मा, वैसे जन्मा। पर सच तो है देवी माता, जग तेरे उदर से है पनपा।। मां परमपिता परमेश्वर भी तेरा ही दूजा रूप है मां। एक ही सत्य के तथ्य हैं दो तू छाया है वह धूप है मां।। तू आदि है,तू ही अन्त है मां, तू पतझर, तू ही बसन्त है मां। तू आदि अनादि अनन्त है मां, प्रकाशित दिगदिगंत है मां।। बिन तेरे ए जग कुछ भी नहीं, जग अंश मात्र तेरा शेष है मां। तू शेष -विशेष नहीं माता, सच में तू परम विशेष है मां।। तू अक्षर,शब्द,वाक्य है मां, तू ही स्वर-व्यंजन औ मात्रा। लख चौरासी कुछ और नहीं,, बस मां तेरे उदर की है यात्रा।। तू शुभ कार्यों में प्रथम पूज्य, मां गौरी,और गणेश भी है। कर्ता-धर्ता-हर्ता, स्वरूप तू, ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी है।। देखूं मैं जिधर तू ही है उधर, तेरी महिमा अगम अगाधा है। जिस पर हो तेरी कृपा दृष्टि, फिर कहो, उसे क्या बाधा है।। साष्टांग प्रणाम तुम्हें माते, एक विनय मेरी स्वीकार करो। आंचल की छांव प्रदान करो, और निर्भय महेश कुमार करो।। दोहा- ऊं ह्रीं,श्रीं,क्लीं,मेधा,प्रभा, जीवन ज्योति प्रचंड। शान्ति, क्रान्ति, जागृति प्रकृति रचना शक्ति अखंड।। जगति जननि, मंगल करनि, आदिशक्ति, जगदंब। चरण शरण में लीजिए, कृपा करो अबिलंब। ~✍️ महेश