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हथवा त्रिशूल डमरू नंदी पे सवार...!

MAHESH 30 Mar 2023 गीत धार्मिक भक्ति गीत 8710 0 Hindi :: हिंदी

भगवान भोलेनाथ के श्रीचरणों में, सादर साष्टांग निवेदित, स्वरचित लोकभाषायी अवधी रचना।
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हथवा त्रिशूल,डमरू,नन्दी पे सवार,
गलवा नाग काला बा।।१।।
सब देवों से निराला,
बाबा भोला-भाला बा।। टेक।।
आशुतोष प्रभु औढ़र दानी।
आरति हरहिं दीन जनु जानी।।
जेकर नाथ भोलानाथ,
ऊ बड़ा भाग वाला बा।।२।।
सब देवों से निराला,
बाबा भोला-भाला बा।।टेक।।
कालों के भी काल, महाकाल त्रिपुरारी।
पलट दें समय की भी, चाल भंडारी।।
मांगो जो भी, मिलेगा,
इ दर सबसे आला बा।।३।।
सब देवों से निराला,
बाबा भोला-भाला बा।।टेक।।
विश्वनाथ मम् नाथ पुरारी।
त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी।।
तोहरी कृपा से ही,
जग-जीवन में उजाला बा।।४।।
सब देवों से निराला,
बाबा भोला-भाला बा।।टेक।।
आदि, अनादि, अनंत, अखंड,
अभेद, अछेद, सुवेद बतावें।
रूप "महेश" को जोगी यति मुनि,
ध्यान धरें, पर पार न पावें।।
एको अहं बहुस्यामि,
सबका सार-शाला बा।।५।।
सब देवों से निराला, 
बाबा भोला-भाला बा।।टेक।।
देव, दानव, मानव प्रभु सबके पियारे
नहिं कछु भेदभाव तुम्हरे दुआरे।
देखा कहीं भी न,
तोहरा जैसा दिलवाला बा।।६।।
सब देवों से निराला,
बाबा भोला-भाला बा।।
माता-पिता-गुरू, प्रभु तुम मोरे।
रहूं अनुग्रह निशि दिन तोरें।
कर जोरे खड़ा द्वारे,
नाम राशि वाला बा।।७।।
सब देवों से निराला,
बाबा भोला-भाला बा।।टेक।।
                        ~✍️ महेश

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