कुमार किशन कीर्ति 11 Jul 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत तबस्सुम,मुक्कमल जहां 10558 0 Hindi :: हिंदी
मेरे दिल को करार आता है तुम्हारी तबस्सुम के बाद,ना सोऊं फिर भी नींद आती है तुम्हारी तबस्सुम के बाद। यह चांद भी निकलता है तुम्हारी तबस्सुम के बाद, वादियां भी हसीं होती है,बस तुम्हारी तबस्सुम के बाद। हसीनों की कमी नहीं है इस जहां में,मगर... मुक्कमल जहां भी फिदा है तुम पर,इस तबस्सुम के बाद। :कुमार किशन कीर्ति