मोती लाल साहु 30 Mar 2023 गीत समाजिक आ चलेंगे जहां धरती अंबर का प्रेम पले। 6076 0 Hindi :: हिंदी
आ चलेंगे जहां- धरती अंबर का प्रेम पले शाम ढले सूरज की लाली, पड़ते सरोवर में तैरते हंस नीड़ को- लौटते पंछी का कलरव जब नीले अंबर में ये- चांद सितारें खिलते हैं, जब हवा गुनगुनाती है क्या नाम दूं- बहारों का ये बहार ए-चमन में- मौसम बदल जाते हैं आ चलेंगे जहां- धरती अंबर का प्रेम पले -मोती