Meena ahirwar 01 Jun 2023 कविताएँ समाजिक कविता- वक़्त की समझ। 6703 0 Hindi :: हिंदी
वक़्त की समझ नहीं जिसको , वो वक़्त पर ठोकर खाता है। आलस निंद्रा में मदहोश होकर, अपना समय गवाता है। होश तब आता जब वक़्त नहीं, फ़िर किस्मत पर रोता हैं। मीना- अहिरवार, जिला- छतरपुर (म.प्र) ।