मारूफ आलम 30 Mar 2023 ग़ज़ल दुःखद #din#love#maroof shayari#alam 26637 0 Hindi :: हिंदी
रोने के दिन वापस आ गए क्या खुशियों पे अंधकार छा गए क्या जंगल जंगल किसको ढूंढ रहे हो ये जंगल तुमको भी भा गए क्या उत्पात मचाने वाले बेदर्द हरजाई फिर दिल का मंदिर ढा गए क्या कैसी खामोशी आंगन मे है फैली गाने गुनगुनाने वाले गा गए क्या वो जो चले थे समंदर के जानिब वो मुसाफिर मंजिल पा गए क्या भूखे ही शहर से चले गए या फिर वो भूखे बच्चे कुछ खा गए क्या मारूफ आलम