
अशोक दीप
नाम अशोक दीप पिता- श्री घीसा राम माता- श्रीमती दाखली देवी जन्मतिथि- 01-07-1978 शिक्षा- एम.ए., बी. एड लेखन भाषा- हिंदी व राजस्थानी काव्य संग्रह 1 ओ मेरी साँसों के दीप 2 क्यों आँसू लिखते रहते हो 3 नदी एक जो रेतां रलगी मधुमती, जगतीजोत, विकल्प, प्रेरणा, दृष्टिकोण, गवरजा, इंदौर समाचार, साहित्य दर्पण इत्यादि में निरंतर रचना प्रकाशन आकाशवाणी जयपुर से काव्यपाठ Read less
जयपुर
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कैसे कहदूँ प्यार नहीं है
कैसे कहदूँ प्यार नहीं है
कैसे कहदूँ प्यार
अश्क छुपाए बैठे हैं
अश्क छुपाए बैठे हैं
एक मुक्तक अपने ही
मन टेर रहा है
मन टेर रहा है
ओ दीप ! तुझे मन टेर र
उस दिन मेरी होली होगी
उस दिन मेरी होली होगी
उस दिन मेरी होली हो
वह मेरा संसार नहीं
वह मेरा संसार नहीं
वह मेरा संसार नहीं
नौका पार लगाए कौन
नौका पार लगाए कौन
नौका पार लगाए कौन
Nanhi pari
Nanhi pari
नन्ही परी प्रेम-अ
अगर करो तुम वादा मुझसे
अगर करो तुम वादा मुझसे
अगर करो तुम वादा मु
तुज बिन
तुज बिन
तुझ बिन मेरा ठाँव क
जो मेरे द्वारे तू आए
जो मेरे द्वारे तू आए
जो मेरे द्वारे तू आ
कृष्ण जन्माष्टमी पर मुक्तक
कृष्ण जन्माष्टमी पर मुक्तक
सुनो कान्हा ! तुम्ह
तुम बिन
तुम बिन
तुम्हारे बिन तुम्
कैसे कहदूँ प्यार नहीं है
कैसे कहदूँ प्यार नहीं है
कैसे कहदूँ प्यार
शिक्षक दिवस पर मुक्तक
शिक्षक दिवस पर मुक्तक
1 जहाँ टपका दुखी आँ
ओ मेरी साँसों के दीप
ओ मेरी साँसों के दीप
ओ मेरी साँसों के